सवाल आचार्य भगवन् ! ‘इसकी टोपी उसके सिर, उसको टोपी इसके सिर’ ये क्या बला है ? क्या कभी आपने भी, इसमें रस लिया है ? नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब टोपी टॉप पर होती है बौने […]
सवाल आचार्य भगवन् ! ‘इसकी टोपी उसके सिर, उसको टोपी इसके सिर’ ये क्या बला है ? क्या कभी आपने भी, इसमें रस लिया है ? नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब टोपी टॉप पर होती है बौने […]
सवाल आचार्य भगवन् ! आप प्रवचनों में बार बार प्रज्ञा अपराध की चर्चा करते रहते हैं यह है क्या बला, आप कहते हैं आयुर्वेद ग्रन्थों में, इसे अस्वस्थ्यता का मूल कारण कहा है खुलासा कीजिये ना स्वामिन् नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु […]
सवाल आचार्य भगवन् ! पेट भरने के बाद, किसी से कोई काम हुआ है जो आप बारह बजे से, सामायिक करने के लिए कहते है अब तो थोड़ी सी नींद लेने का समय है सुनते हैं खा पी के, पीछे […]
सवाल आचार्य भगवन् ! गुरुणां-गुरु ज्ञान सागर जी को, जब अपना आचार्य पद बोझ लगने लगा था तब उन्होंने आपसे “दक्षिणा लाके दो” सुनते हैं, ऐसा कहा था तब आपने क्या प्रतिक्रिया प्रदर्शित की थी किसकी आँखों में आँसू थे […]
सवाल आचार्य भगवन् ! एक रोज आप, किसी चाप-नास्ते की दुकान पर, विहार के समय पल भर के लिये, क्या बैठ गये थे पत्थर के दाम आसमान छूने लगे थे भगवन् ! और फिर उस गरीब ने किसी भी कीमत […]
सवाल आचार्य भगवन् ! एक रात मैंने, सपने में आपको बस चलाते हुए, देखने का अक्षम्य अपराध कर लिया था भगवन् ! मैं बहुत गंदे सपने देखता हूँ, है…ना भगवन् क्योंकि आपने तो सवारी तक का त्याग करके रखा है […]
सवाल आचार्य भगवन् ! सुनते हैं, आपके गरभ में आने के कारण, माँ का गौरव बढ़ गया था, उन्हें मान सम्मान कुछ हटके ही, पुर-परिजन लोग देने लगे थे क्या ऐसा होता है ? नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, […]
सवाल आचार्य भगवन् ! सुनते हैं, आपका चरणोदक लगाते ही, एक दादी माँ की आँख फिर-के आ गई थी ये तो चमत्कार है ना भगवन् ? नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब सुनिये, आ…चरणोदक बोलिये चरण तो चार, […]
सवाल आचार्य भगवन् ! आप दिग्गज सन्तों में से एक हैं आज आपका सानी पूरी दुनिया में नहीं है ऐसा प्रत्येक मंच एक सुर से घोषणा करता है ? आपको क्या लगता है नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… […]
सवाल आचार्य भगवन् ! आप तलस्पर्शी ज्ञान रखते हैं आपके आगे विद्वानों की बोलती बन्द हो जाती है, किसी की भी एक नहीं चलती आपके सामने, कैसा पुण्य है स्वामिन्, आपका सरसुति पुत्र हैं आप नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु […]
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