सवाल आचार्य भगवन् ! बजुबानों में गायों से पहले आपको कछुआ पसन्द लगता है, आपके प्रवचनों में खूब जिक्र रहता है उसका, जिसने कछु…आ पढ़ा है ऐसा, पूरा ‘अ’ भी नहीं पढ़ा है, उसे इतना पसंद क्यों करते है आप […]
सवाल आचार्य भगवन् ! बजुबानों में गायों से पहले आपको कछुआ पसन्द लगता है, आपके प्रवचनों में खूब जिक्र रहता है उसका, जिसने कछु…आ पढ़ा है ऐसा, पूरा ‘अ’ भी नहीं पढ़ा है, उसे इतना पसंद क्यों करते है आप […]
सवाल आचार्य भगवन् ! थोड़ा सा भी पुण्य, मेरे पल्ले में नहीं है, कुछ भी नहीं आता मुझको, भगवान्, मुझसे कुछ नहीं होता है ? मैं क्या करूॅं प्रभो कृपया मुझे रास्ता दिखलाईये नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… […]
सवाल आचार्य भगवन् ! धन्य हैं हम सभी लोग, जो आपके समोशरण में, शरण पा रहे हैं और लगता भी है समोशरण सा आपका संघ इतना बड़ा जो है, 50-50 मुनियों का, सचमुच पंचम काल में साक्षात् वर्धमान स्वामी ही, […]
सवाल आचार्य भगवन् ! बड़ा सा साफा सिर पर रक्खे, काँधे तक झूलती बालिंयाँ कानों में, हाथ में स्वर्ण कड़े, पर दिल नरम लोग, जो राजस्थानी हैं, उनके मुख से खूब सुनने के लिये मिल जाता है, ‘कि भक्ति देखना […]
सवाल आचार्य भगवन् ! जब कभी आपके मुख कमल से, पुलकित मन से, अर्जुन से पहले एकलव्य की, प्रसंशा सुर-लहरी, सुनने मिल जाती है भगवन् क्या कोई विशेष बात है, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब धनुर्विद्या ही […]
सवाल आचार्य भगवन् ! कैसा जमा…ना आ गया है, आजकल जब-तब सुन लो, यह पत्ता पत चला पतझड़ से पहले ही, झर चला भगवान् ! ‘पीत-पात’ फिर भी ठीक, मगर भगवन्, ये हरे-भरे पत्ते डाल पर देर तक, दाल गलाने […]
सवाल आचार्य भगवन् ! सबसे ज्यादा आज-कल नादां माँ-पापा का टेटू हाथ में गुदवाते हैं मैनें अपने बच्चे से ही पूछा, तो उसने कहा हमारे हाथों को आपके साथ की, आदत ही नहीं, है जरूरत भी, पापा… मेरे भगवान् ! […]
सवाल आचार्य भगवन् ! ये जैन दर्शन कैसा है, चिर दीक्षित मुनिराज, और नव दीक्षित मुनिराज एक ही पाटे पर बैठने के लिये, कहते है आप, और सारा जगत् जागृत रह करके, देखा मैंने आप लोगों के यहाँ जैसी व्यवस्था, […]
सवाल आचार्य भगवन ! मेरी माँ ने कहा था, जिसे दिल से पुकारो, वो जरूर आता है, भगवन् ! मैं सिर्फ और सिर्फ आपका भक्त हूँ सुबहो-शाम, आपके नाम की माला ही फेरता रहता हूँ लेकिन स्वामिन् ! आप सुदूर […]
सवाल आचार्य भगवन् ! फिरोजाबाद में आपका जो ‘अतिथि’ के ऊपर प्रवचन हुआ था, जब चाहे तब, हवा खा जाता हैं जिसकी खुशबू दूर-दूर तक चली आती है, अद्भुत ही है वो प्रसंग, कैसे घटित हुआ था, भगवन् ! वह, […]
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point