सवाल आचार्य भगवन् ! खबर उड़ाने वालों की कमी नहीं है दीवाल से कान सटाये रहते है, न सिर्फ पराये हमसाये भी, ये मोबाइल क्या चल पड़े, बातें रिकार्ड हो चलीं भगवन् ये जाल बिछाने वाले कब आयेंगे जाल में, […]
सवाल आचार्य भगवन् ! खबर उड़ाने वालों की कमी नहीं है दीवाल से कान सटाये रहते है, न सिर्फ पराये हमसाये भी, ये मोबाइल क्या चल पड़े, बातें रिकार्ड हो चलीं भगवन् ये जाल बिछाने वाले कब आयेंगे जाल में, […]
सवाल आचार्य भगवन् ! आपके प्रवचनों में घना-घना सुनने में आता है ‘सबसे भली चुप’ ‘तोल मोल के बोल’ समां मौन, ‘न तीन भौन’ स्वामिन् ! क्या इतना कीमती है चुप रहना ? नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… […]
सवाल आचार्य भगवन् ! खूब आता है प्रमाद पता नहीं पड़ पाता है कितने रास्ते पता कर रक्खे हैं इसने, और ‘के तो नहीं कहूॅंगा, मेरे अपने मन मे इसने घर करके रक्खा है चाहे जब मुँह की खिलाता रहता […]
सवाल आचार्य भगवन् ! लोग-बाग बाग भर के श्रीफल चढ़ाते हैं होते हैं कुछ लोगो के दिल बाग-बाग, और होती है बहुत कुछ लोगों के हाथ बस दौड़-भाग भगवन् ! ये श्रद्धान कैसा, कितना किया जाये जोर लगाकर फैलाते हैं, […]
सवाल आचार्य भगवन् ! डबल, तिबल, चुबल सभी, बल को पीछे लगाये है फिर भी आपने जाने क्यों ? सिंगल रहना स्वीकार किया ? नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब सुनिये, दूनी से, दूनिया हो शुरु, और दुनिया […]
सवाल आचार्य भगवन् ! सन्तों के लिये पेट भरने की आज्ञा देता है जिनागम, तो बतलाइये भगवन् ! ग्रहस्थ सन्त मुख तलक पेटी तो भर सकते है ना ? नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब सुनिये, सन्त भोजन […]
सवाल आचार्य भगवन् । आपका एक हाइकू ‘पीछे भी देखो’, वरना… सुनो, पीछे रह जाओगे सो भगवन् ! ऐसा कहके क्या कहना चाहता है आप, दुनिया तो आगे बढ़ने के लिये कह रही है, और बढ़ भी रही है, यदि […]
सवाल आचार्य भगवन् ! सुनते है, करीब साधू अजीबो-गरीब जादू और भगवन् आज चमत्कार को, नमस्कार हो ही रहा है आप कहाँ तक सहमत है इस बहुमत के नजरिये से ? नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब वाह […]
सवाल आचार्य भगवन् ! सुना है, आपने किन्हीं व्रती को, गलती करते देख लिया और उन्होंने उस गलती पर, विशेष गौर न करके, नज़र अंदाज़ कर दिया यदि आप तक प्रायश्चित लेने नहीं आये वो, तो आप कुछ समय के […]
सवाल आचार्य भगवन् ! अपनी संध्याओं का समय होता है, भक्ति-पाठ और वन्दना का समय होता है तभी कान फोड़ ध्वनि में ‘अल्लाह हु अकबर’ होने लगता है माथे पे शिकन नहीं चाहते हुये भी, आ टिकती है वह, वैसे […]
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point