सवाल आचार्य भगवन् ! बचाते-बचाते ही दामन दागदार हो चलता है आजकल हवा ही कुछ ऐसी चल रही है काजल की कोठरी से सुरक्षित निकलने का उपाय सुझाईये भगवन्, ‘के छन्नी हो चले भले, पर दामन मे एक भी दाग […]
सवाल आचार्य भगवन् ! बचाते-बचाते ही दामन दागदार हो चलता है आजकल हवा ही कुछ ऐसी चल रही है काजल की कोठरी से सुरक्षित निकलने का उपाय सुझाईये भगवन्, ‘के छन्नी हो चले भले, पर दामन मे एक भी दाग […]
सवाल आचार्य भगवन् ! कीर्ति मुझसे कोस दूर भागती है, भगवन् ! बिगड़ती चली गई लोगों से, धागा गाँठ वाला हो चला मेरा समझ न पाया मैं, तेरा-मेरा करता रहा, हा ! भगवान् अब क्या करूॅं नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, […]
सवाल आचार्य भगवन् ! सुनते हैं, हर बारी माँ हारती है और बेटा जीतता है भगवन् वो प्रसंग सुनाईए जिसमें मॉं श्री मन्ती जी से आप हार चले हो नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब चार चपातिंयाँ खिलाने […]
सवाल आचार्य भगवन् ! मोक्षमार्गी तो गंभीरता का परिचय देते हैं अब प्रवचनों में आत्मा पर बल न देकर इधर के किस्से, उधर की कहानिंयों के सिवा ज्यादा कुछ नहीं रहता है भगवन् ! कहाँ तक जायज है ये सब, […]
सवाल आचार्य भगवन् ! माँ के लिये प्रथम गुरु मानते हैं सबसे पवित्र दिन गुरु पूर्णिमा भी कुछ-कुछ नहीं बहुत-कुछ कहता है आपके ही मुख से सुना गुरु पूर्ण-माँ थोड़ा सा खुलासा कीजिए ना नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, […]
सवाल आचार्य भगवन् ! ठण्डी के समय शरीर पर काँटे उठ आते हैं भगवन्, फूल क्यों नहीं उठते हैं नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब अरे ! पानी तो राखिये, उठते हैं कैसे नहीं उठते हैं उठते हैं […]
सवाल आचार्य भगवन् ! ये ‘मानसून’, आकर के हमसे क्या कहता है आप और कान रखते हैं हम लोग तो सिर्फ दुकानदार हैं नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब न सिर्फ सज चुका है कोई ‘मान-शून’ नाम से […]
सवाल आचार्य भगवन् ! आज आपके नाम के चर्चे गली-गली में हैं पर्चे-पर्चे में आपका फोटू, फ्रन्ट पर ही छपा रहता है भगवान् मुझे भी मशहूर बनना है क्या कहना होगा नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब ‘मशहूर’ […]
सवाल आचार्य भगवन् ! दूसरों का छल हम, समझ क्यों नहीं पाते है मछली ही मछली को, साबुत निगल जाती है अपने ही ठग करके चले जाते है ऐसा क्यों नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब आखर पलटते […]
सवाल आचार्य भगवन् ! जर्रा सा नमकीन थोड़ा सा पापड़ तो भोजन के साथ अच्छा रहता है लेकिन आप लेते ही नहीं, भगवन्, पेट अच्छे से भर जाता है, हर दिन दाल, रोटी, चावल, लेते-लेते आपका मन नहीं ऊब जाता […]
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