सवाल आचार्य भगवन् ! ज्यादा हाथ-पैर मत मारो ऐसा क्यूँ कहते हैं आप नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब ‘रे फिर क्यूँ फिजूल अपना दिमाग खरचता है जब उसके ज्ञान में सब झलकता है काम काज पुण्य कराता […]
सवाल आचार्य भगवन् ! ज्यादा हाथ-पैर मत मारो ऐसा क्यूँ कहते हैं आप नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब ‘रे फिर क्यूँ फिजूल अपना दिमाग खरचता है जब उसके ज्ञान में सब झलकता है काम काज पुण्य कराता […]
सवाल आचार्य भगवन् ! बड़ी मतलबी दुनिया है, भगवान् ! क्या कोई यहाँ मतलब साधे बिना भी काम करता है, आपकी नजर में नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब तार सितार सरगम घोलते हैं, कोई छेड़ता तो, हा […]
सवाल आचार्य भगवन् ! आप सुबह-सुबह, बड़े बुजुर्गो के चरण स्पर्श, करने पर, जोर देते हैं क्यूँ नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब बड़ी सस्ती स्वस्ति मिल जाती है बड़े बुजुर्गों के पैर पड़ते ही मुसीबत टल जाती […]
सवाल आचार्य भगवन् ! अध्यात्म कुछ समझ में सा नहीं आता है जब हम कर्म रज से युक्त हैं तब विशुद्ध, मुक्त, सदाशिव मानना तो, एक प्रकार से खुद के लिये ठगना ही हुआ ना नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु […]
सवाल आचार्य भगवन् ! लोग चकमा देकर निकल जाते हैं मैं ठगा सा रह जाता हूँ क्या करूँ नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब सुनो पढ़ लिया करो, खूब, लोग बखूब गोल गोल लिख कर रखते हैं चेहरे […]
सवाल आचार्य भगवन् ! किसी किसी से जलन होती है क्या सोच रखूँ ‘कि सारे लोग अच्छे लगने लगें नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब जलता मत, कुछ भी कहना भूले जलकर दीपक के हाथ, पड़ा गले चलकर […]
सवाल आचार्य भगवन् ! किसी किसी को देखते की चिड़ सी छूटती है फूटी आंख भी सुहाता नहीं कोई कोई क्या सोच रखूँ ‘कि सारे लोग अच्छे लगने लगें नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब सुनो, ‘सत्वेषु मैत्रीं’ […]
सवाल आचार्य भगवन् ! सबसे कठिन काम क्या है ? नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब पैना नाखून हो खोलता खून हो और अपनी जेबों में मुट्ठी करके बन्द डाले रखना हाथ सबके न वश की बात पकड़ते-पकड़ते […]
सवाल आचार्य भगवन् ! कोई भी कुछ भी कह कर चलता बनता है, फिर उसकी आवाजें गूंजतीं रहतीं हैं भीतर, भगवान् ! सामने वाला अपना है पराया होता तो, चार सुना भी देते क्या करें नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु […]
सवाल आचार्य भगवन् ! आप कहते भीतर बैठना सीखो और मन बाहर भागना चाहता है कैसे सामंजस्य बिठालूँ नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब सबसे पहले तो यह कह दीजिएगा मन से ‘कि ओ ! करतार जी कुछ […]
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