सवाल आचार्य भगवन् ! जाने, मेरा मन किसका रंग लूट रहा आजकल खूब आलसी बन चला है, कैसे समझाऊँ इसे नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब सोने सा समय सोने में मत खो दो जा तह में रहता […]
सवाल आचार्य भगवन् ! जाने, मेरा मन किसका रंग लूट रहा आजकल खूब आलसी बन चला है, कैसे समझाऊँ इसे नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब सोने सा समय सोने में मत खो दो जा तह में रहता […]
सवाल आचार्य भगवन् ! धीरे बोलो, कम बोलो, बनती कोशिश चुप हो लो ऐसा क्यों कहते है आप नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब धीरे-बोलो बोलो जो मिसरी घोलो वैसे कम ही बोलो बच महाभारत जायेगी होने से, […]
सवाल आचार्य भगवन् ! बचते बचते भी उसकी उढ़ाई चूनर में ढ़ेरों दाग जमा हो चालें हैं और भगवान् अब वापिस उसके पास जाने का समय भी निकट आता जा रहा है ऐसा कहकर के जोरों से ताने मारता है […]
सवाल आचार्य भगवन् ! ‘री संभल ! जीभ उठाई और तलुवा से मार दी, ये उलाहना दादी-नानी खूब देती रहती हैं, क्यों भगवन् ! क्या कहती है वो नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब सुनो, खुरबखुद कह रहे […]
सवाल आचार्य भगवन् ! ‘दो’ ऐसा अमंगल सूचक शब्द नहीं बोलते हैं सहजो-निराकुल नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब छोटी से छोटी मदद खातिर हाथ फैलाना बड़े से बड़ा अदद पा सिर कम्मर का झुक जाना फिर स्वप्न […]
सवाल आचार्य भगवन् ! मेरा मन तेरा-मेरा करता रहता है औरों का भला, इसने सोचा हो कभी सपने में भी, मुझे तो याद नहीं, परोपकार की शिक्षा इसे कैसे दूँ नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब कभी न […]
सवाल आचार्य भगवन् ! मन परिग्रह को पाप मानने के लिये किसी भी तरीके से तैयार क्यों नहीं होता है भले पुण्य के उदय में मिलता है लेकिन पाप में कारण तो है ऐसे तो सारे पापों की लाग, पुण्य […]
सवाल आचार्य भगवन् ! मैं बड़ी हो चली हूँ, पर मुझे शादी नहीं करनी है मैं धर्म प्रभावना करना चाहती हूँ किसी तरह मैंने मम्मी तो मना लिया है पापा अपनी जिद पर अड़े हुए हैं, कैसे मनाऊँ उन्हें, ऐसा […]
सवाल आचार्य भगवन् ! मृत्यु और संमृत्यु में क्या अन्तर है नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, जवाब… लाजवाब मृत्यु काल यानि ‘कि काला संमृत्यु…सत् मृत्यु सित यानि ‘कि उजला कोयला तपकर रा…ख ख…रा पर कोई विरला जानता ये कला […]
सवाल आचार्य भगवन् ! खूब देना चाहता हूँ, दिया भी उसी भगवान् ने ही तो है, लेकिन भगवान् को चढ़ाई द्रव्य, माली को जो चढ़ चालती है तो मन हाथ खींचने के लिये कहने लगता है कैसे सँभाले मन को […]
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point
© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point