(४१) भैय्या ! आप किसी एक व्यापार को पकड़िये तो देखिए ना व्यापार शब्द आगे नहीं...
(२१) ताकत तो ताँकती रहती है हमें दे करके अपना बेशकीमती समय बस उसे हम ही नहीं...
(१) दोस्त का दिल कहता है थोड़ा सा और बस रहा दूर ज़र्रा सा ही आसमान छू करके ही...
(५१) बाहर दन्द-फन्द, द्वन्द है कोहरा है, धुन्ध है कर्मों का बन्ध है अन्दर,...
(४१) शुद्ध, बुद्ध, अविनाशी मैं अक्षर धाम निवासी मैं अखर अंक हूँ हेम पंक हूँ...
(३१) ज्ञान घन, ज्ञान घन, ज्ञान घन, ज्ञान घन हूँ मैं हाय ! अब तक रहा अंधेरे में ।...
(२१) अपनी आँख बन्द कर मैंने झाँका अन्दर दिखा मुझे एक शान्त समुन्दर आहा ! अहा ! ...
(११) एक है, एक है, एक है । आत्मानुभूति कहो । या ज्ञानानुभूति अहो ! ।। एक है, एक है,...
(१) रहे न मैली । परणति मेरी ।। और कुछ भी न चाहूँ मैं । सर समयसार अवगाहूँ मैं ।।...
(९१) ‘मुझसे हाई… को ’ सीपी ओढ़नी मेहरबानी मोति आषाढ़ी पानी ‘मेरे साथ...
(८१) ‘मुझसे हाई… को ’ रखना ला…ज ज…ला दें ना बहना अंगारे नैना ‘मेरे साथ...
(७१) ‘मुझसे हाई… को ’ नम्बर ‘वन’ धन है चुन’री न ‘कि बन्धन है...