अभिनन्दन नाथ वृहद चालीसा दोहा अभिनन्दन गुण गण किया, कर अवगुण अवसान । यूँ ही...
सुमतिनाथ वृहद चालीसा दोहा नाम सुमत रख, कर चली, माँ मत-हंसी साथ । बात कुछ...
पद्मप्रभ वृहद चालीसा दोहा जल विभिन्न रह पद्म से, कीना सार्थक नाम । देवदेव...
सुपार्श्व नाथ वृहद चालीसा दोहा स्वर्ण लोह पारस करे, तुम करते निज भाँत । तभी...
चन्द्र-प्रभ चन्द्र-प्रभ वृहद चालीसा ‘दोहा’माथे कलंक चन्द्रमा,आप चरित...
सुविध नाथ वृहद चालीसा ‘दोहा’ ‘सुविध’ साध एक आत्मा, कीना सार्थक नाम ।...
शीतलनाथ वृहद चालीसा दोहा आ बाहर कभी स्वप्न से, दे दो आशीर्वाद । दूजी और मुराद...
श्रेयो-नाथ वृहद चालीसा दोहा जिन श्रेयस् बिन आपके, सुनता कौन पुकार । लगा भक्त...
वासु-पूज्य वृहद चालीसा दोहा बड़े इन्द्र सब है खड़े, सविनय जोड़े हाथ ।...
विमल नाथ वृहद चालीसा दोहा विमल विमलतर बह चली, परिणामों की धार । दूर कहाँ वह...
अनन्त नाथ वृहद चालीसा ‘दोहा’ निज भक्तों पे आपकी, बरसे करुणा ‘नन्त’ ।...
धर्मनाथ धर्मनाथ धर्मनाथ‘वृहद्-चालीसा’ दोहा‘धर्म’ मान निज भक्त को,...