नौ दस माह कोख में रखकर माँ, ने मुझको पाला था ।किन्तु जन्म देकर फिर , भवसागर में...
देव नमो अरहन्त नित, वीतराग विज्ञान ।चन्दनषष्ठी व्रत कथा, कहूँ स्वपर हित जान...
एक सेठजी के चार लड़के थे । उनकी पत्नि शीलवती एवं गुणवती थी । एक दिन सेठ जी ने...
रात का दीपक चन्द्रमा, दिन का दीपक भान ।कुल का दीपक पुत्र है, जग का दीपक ज्ञान...
कुछ बेटे ऐसे होते हैं जो माँ को रूलाते हैं और कुछ बेटे ऐसे होते हैं जो माँ के...
“खो न जाये , शान हमारी है बेटी तुम ऐसा काम नही करना ।बिटिया रानी तुम परदेश मे...
फूल कभी दोबारा नही खिलते, जन्म कभी दोबारा नही मिलते ।मिलते हैं हजारो लोग मगर,...
मंगलाचरणणमो अरिहंताणं,णमो सिध्दाणं,णमो आइरियाणं,णमो उवज्झायाणं,णमो लोए...
(तर्ज – हे मेरे वतना के)जागो जैनी जागो, अब यह समय आया है ।हम अपनी पहचान बनाकर,...
श्री शांति सूरि मुनिधर्म – प्रकशकाय ,श्री वर्धमान – मुनिवर्य शुभंकराय...
संस्कारो के शंखनाद का पुणे २०१५ में, लिखने का मन बना डाला ।शिरगुप्पी में १७...
परम पूज्य मुनि श्री निराकुल सागरजी द्वारा रचित आचार्य संघ विधान ।।...