सवाल आचार्य भगवन् ! आप कहते हैं, घी ब्रह्म-रन्ध से सात पर्तों के भीतर जाकर स्वास्थ्य लाभ देता है किन्तु...
सवाल आचार्य भगवन् ! मानते है बादाम दाम ज्यादा रखती है, उसे नहीं लेते न सही, पर भगवन् ! आम तो यथा नाम तथा गुण हैं...
सवाल आचार्य भगवन् ! नेकी का रास्ता आप खुद नापते हैं दीन-दुखियों के आँसू अपने हाथों से पोंछते हैं और अखीर में...
सवाल आचार्य भगवन् ! आपके घुटने साइकल चलाते वक्त, लहुलुहान हुये, जगह जगह जख्म जनमें, लेकिन फिर भी आप हाथ छोड़...
सवाल आचार्य भगवन् ! आजकल संहनन हीन पे हीन, होता चला जा रहा है और प्रकृति से खिलवाड़, जो कर रहा है, आज का मानव हा...
सवाल आचार्य भगवन् ! जैसे माँ बच्चों को दूर से ही, आता क्या देख लेती है स्वस्ति की लाईन लगा रही है उसी तरह आप...
सवाल आचार्य भगवन् ! सुनते हैं, जब आप नव दीक्षित थे तब प्रतिक्रमण के समय, आपकी घनी, काली-काली दाड़ी, सीली-सीली...
सवाल आचार्य भगवन् ! एक ही आसन से देर तक बैैठे रहते हैं आप, जब देखो तब लिखते, पढ़ते मिलते हैं आप सामने श्रावक लोग...
सवाल आचार्य भगवन् ! देखा तो नहीं, पर सुना जरूर है, जब आप रात्रि विश्राम करते हैं, तो चेहरे पर यही चितचौर...
सवाल आचार्य भगवन् ! आपके लिये दाँतों की असहनीय तकलीफ से होकर गुजरना पड़ा, क्या कारण रहा आपने उसे समता का...
सवाल आचार्य भगवन् ! कागज-कलम आपके कर कमलों का इतना प्यार-दुलार पाते हैं ‘के थोड़ी इनमें ईर्ष्या सी होने...
सवाल आचार्य भगवन् ! सुनते हैं महापुरुषों का कूर्मोन्नत पाँव होता है आचार्य श्री शान्तिसागर जी आचार्य श्री...
