सवाल आचार्य भगवन् ! आप अपने नव दीक्षित शिष्य के, नामकरण संस्कार के समय, पीछे ‘सागर’ शब्द ही क्यों जोड़ते...
सवाल आचार्य भगवन् ! आप इतने बड़े-बड़े काम करते हैं, बड़े बाबा को फूल सा उठा के ले आये, नव निर्मित पाषाण के जिनालय...
सवाल आचार्य भगवन् ! चार लोगों का परिवार, उसी का निर्वाह करते हुये, मुखिया कहने लगता है क्या फट-के चार हो जाऊँ...
सवाल आचार्य भगवन् ! आपको अहम् सपने में भी कभी छू पाया होगा, मुझे हो क्या इस उस दोंनो जहां में, किसी भी शख्स को,...
सवाल आचार्य भगवन् ! पसीने से लथपथ आपके हाथों में, क्या कलम नहीं फिसलती है भगवन् ! क्या आपका कागज, पापड़ जैसा नम...
सवाल आचार्य भगवन् ! मद-मर्कट-गलित ठण्ड़ी में भी, आप कैसे लेट लेते हो, हमें तो रजाई के अन्दर भी, सिहरन उठती रहती...
सवाल आचार्य भगवन् ! मूकमाटी में सेठ जी का सेवक, मटकी की जब परीक्षा लेता है तब मटकी से स्वर निकलता है ‘ता धिन...
सवाल आचार्य भगवन् ! शब्दों के तो जादूगर हो आप शब्दों के नये-नये अर्थों के सूत्रधार भी, आप ही नज़र आते हो इस-उस...
सवाल आचार्य भगवन् ! क्या लिखते हैं आप, सीधा जाकर हृदय में उतर जाता है भगवन् ! गजब की मेधा, गजब की प्रज्ञा पाई...
सवाल आचार्य भगवन् ! जो आजकल, इतने मँहगे-मँहगे पाण्डाल बनते हैं लाखों रुपये पानी-से बह जाते हैं भगवन्, अपव्यय...
सवाल आचार्य भगवन् ! सुनते हैं, ताज में चाँद, सितारे टके होते है बड़े फबते हैं, देखने वाले के लिये सो भगवन् ये...
सवाल आचार्य भगवन् ! गुस्ताखी माफ हो, भगवन्, मुझे विकल्प उठता है बार-बार, इसलिये समाधान चाहता हूँ कोई व्यक्ति...
