सवाल आचार्य भगवन् ! जैनागम में पात्रों के लिये ही दान देने की बात कही है सो क्या विशेष कारण है नमोऽस्तु...
सवाल आचार्य भगवन् ! आज रात मैंने एक सपना देखा ‘के आप अपने कानों को बार-बार पकड़ रहे हैं बार-बार अपनी गर्दन...
सवाल आचार्य भगवन् ! क्या धर्म के ठेकेदार सिर्फ पैसे वाले, काले अक्षर पढ़ लेने वाले दिमाग से छलांगें भर लेने...
सवाल आचार्य भगवन् ! आप छह-छह घड़ी की, बड़ी बड़ी सामायिक करते है मुनिराजों के मुखारविंद से प्रवचनों में सुना है...
सवाल आचार्य भगवन् ! आपके प्रवचनों में, सुना है ‘कि भगवान् पारस नाथ जी ने, इस वर्तमान भव में क्या, दश भवों से...
सवाल आचार्य भगवन् ! खूब देखा है, हम गलत नहीं हैं, फिर भी, गलत ही ठहरा देती है, दुनिया हमें भगवन् ! नेक दिल इंसान...
सवाल आचार्य भगवन् ! खबर उड़ाने वालों की कमी नहीं है दीवाल से कान सटाये रहते है, न सिर्फ पराये हमसाये भी, ये...
सवाल आचार्य भगवन् ! आपके प्रवचनों में घना-घना सुनने में आता है ‘सबसे भली चुप’ ‘तोल मोल के बोल’ समां...
सवाल आचार्य भगवन् ! खूब आता है प्रमाद पता नहीं पड़ पाता है कितने रास्ते पता कर रक्खे हैं इसने, और ‘के तो नहीं...
सवाल आचार्य भगवन् ! लोग-बाग बाग भर के श्रीफल चढ़ाते हैं होते हैं कुछ लोगो के दिल बाग-बाग, और होती है बहुत कुछ...
सवाल आचार्य भगवन् ! डबल, तिबल, चुबल सभी, बल को पीछे लगाये है फिर भी आपने जाने क्यों सिंगल रहना स्वीकार किया ...
सवाल आचार्य भगवन् ! सन्तों के लिये पेट भरने की आज्ञा देता है जिनागम, तो बतलाइये भगवन् ! ग्रहस्थ सन्त मुख तलक...