सवाल आचार्य भगवन् ! नाम सार्थ सा जमा…ना एक भाई की खुशी, दूसरे भाई को दुखी कर जाती है लोग-बाग शूद्र जल नहीं...
सवाल आचार्य भगवन् ! विकारी भाव बार-बार दबाये भी, सर उठाते हैं हर रात प्रण करके सोता हूँ, सुबह उठने के साथ फिर...
सवाल आचार्य भगवन् ! हम भक्त खूब भजन करते हैं, फिर भी भगवान नहीं जाते हैं, और आप कहते हैं भगवान् भक्त नाम...
सवाल आचार्य भगवन् ! जब भगवान् के पास अक्षय भंडार है तो भक्तों को देने में आना कानी क्यों करते हैं माना...
सवाल आचार्य भगवन् ! ‘रक्षा, बन्धन में’ बात कुछ-कुछ गले नहीं उतरती हैं, प्रभो ! बन्धन तो असुरक्षा का नाम है,...
सवाल आचार्य भगवन् ! आजकल तो जीवन बड़ा आसान हो चला है घर-घर भौतिक यन्त्र आ चले हैं पहले जैसी मगजमारी नहीं है...
सवाल आचार्य भगवन् ! आज नेक दिल इन्सां मिलते हीं नहीं, पाप दिलों में तिलों के जैसा अतराने लगा है आजकल, सच...
सवाल आचार्य भगवन् ! घर से निकले का खूब मन होता है बखूब उपाय भी खोज लाता मन लेकिन रेशम के कीड़े सी दशा है भगवान्...
सवाल आचार्य भगवन् ! मन’मानी क्यों करता रहता है, भले माँ का दीर्घ स्वर नहीं लेकिन ह्रश्व तो है माँ की बात...
सवाल आचार्य भगवन् ! इन्द्रिय पाँचों ही शब्दश: कुछ कुछ राज खोलतीं हैं ‘के मुझ सा परस…न, रस…न, घर…न, नय…न, कर…न...
सवाल आचार्य भगवन् ! बचाते-बचाते ही दामन दागदार हो चलता है आजकल हवा ही कुछ ऐसी चल रही है काजल की कोठरी से...
सवाल आचार्य भगवन् ! कीर्ति मुझसे कोस दूर भागती है, भगवन् ! बिगड़ती चली गई लोगों से, धागा गाँठ वाला हो चला मेरा...