सवाल आचार्य भगवन् ! दिन रात ‘गोरख धंधे’ में फँसे रहना, और दो के चार करना, फिर कभी कभार पल पलक सुुमरण कर...
सवाल आचार्य भगवन् ! अद्भुत है कोल्ड स्टोरेज सिस्टम अब तो बारहों महीने सब फलों का आनन्द लूट लो सच, कमाल…...
सवाल आचार्य भगवन् ! चाँद को लाकर, कदमों में कर देता है खड़ा औरों की खातिर, वह एक आँसू जमीन पर पड़ा सचमुच, दया का...
सवाल आचार्य भगवन् ! देेख सफेद चादरा, लोग बाग कीचड़ उछालने से बाज नहीं आते हैं क्या करें हम, उस वक्त कैसे बने...
सवाल आचार्य भगवन् ! आप सुभग कहते हैं अपनों के लिए, और दुनिया ठग कहती है आप अपनों से हारने की बात रखते हैं, जो...
सवाल आचार्य भगवन् ! आप कहते हैं भगवान् माँ का किरदार निभाते हैं पर लगता है भगवान् हम बच्चों का बिल्कुल भी...
सवाल आचार्य भगवन् ! न दिशा दिशा विदिशा भी, आवाज देती है, सत्संग करो, संत के पास आओ जाओ, ऐसा क्यों नमोऽस्तु...
सवाल आचार्य भगवन् ! आप कहते हैं तीसरी, भीतरी भीतरी हो तो शब्द सब, ‘द’ यानि ‘कि देने वाले हैं तो बतलाइये...
सवाल आचार्य भगवन् ! क्या कमजोर भी, बल-जोड़ के लिए मात दे सकता है नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु...
सवाल आचार्य भगवन् ! आप धम्म-धम्म करके चलने से, मना क्यों करते हैं नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु...
सवाल आचार्य भगवन् ! आहिस्ते चले कभी, हो कभी हाँपते चले, छोटी से छोटी घड़ी जादूगर बड़ी ऐसा क्यों कहते हैं...
सवाल आचार्य भगवन् ! खिलता ‘कि मुरझाने लगता फूल, करने कबूल, चाहिये जो भीतरी, आंख तीसरी वो कैसे मिलती है...