सवाल आचार्य भगवन् ! गुरु पूर्णिमा का आप हटके ही अर्थ लेते हैं ‘के गुरु पूर्ण, माँ है जिसने हमें जनम दिया दर...
सवाल आचार्य भगवन् ! खूब उठा-पटक करने में लगी है दुनिया, मेरा मन भी रातों रात, हाथों हाथ बड़ा आदमी बनने के सपने...
सवाल आचार्य भगवन् ! मन कहता है भूल कहती है भूल चलो भगवन् ! भूल कहाँ तक क्षम्य है नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु...
सवाल आचार्य भगवन् ! कोई गाँठ बाँधने के लायक बात बतलाईये नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्,...
सवाल आचार्य भगवन् ! मन दूसरों की लकीर मिटा करके लकी बनना चाहता है और लकीर में है भी लकी शब्द रबर का ‘र’ भी...
सवाल आचार्य भगवन् ! मन सहजो-निराकुल बन चले, कोई नुख़्सा बतालाई नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु...
सवाल आचार्य भगवन् ! जब पंचम काल में मानव मिथ्यात्व के साथ ही धरा पर धरा जाता है और सम्यक् दृष्टिपना परसेन्ट...
सवाल आचार्य भगवन् ! पुण्य पाप को सरल भाषा में कैसे समझ सकते हैं नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु...
सवाल आचार्य भगवन् ! निराकुल चौबीसी में ‘न’ से नामकरण किया है आपने सभी मुनिराजों का, अद्भुत है, पर बहुत...
सवाल आचार्य भगवन् ! न कह सकूँगा मैं… नादान तुम्हें, यह एक कविता आपने स्वामिन् मुझे आज आकर के सपने में सुनाई...
सवाल आचार्य भगवन् ! सन्मृत्य, समाधि, सल्लेखना में क्या करना होता है नमोऽस्तु भगवन्, नमोऽस्तु भगवन्,...
सवाल आचार्य भगवन् ! समशरण सभा बारा क्यों हैं गंधोदक वर्षण मन्द-मन्द पवन वर्षा स्वर्ग सुमन समशरण में किस...
