श्री सिद्ध जी सार्थक नाम है सिद्ध भगवान का, जो जो अभीष्ट था, वह सिद्ध कर लिया जिन्होंने वे यथा नाम तथा गुण...
उत्तम ब्रह्मचर्य (१) उत्तम ब्रह्मचर्य मतलब कछुआ भीतर यदि आप पूछते ही है उससे ‘के क…छुआ भीतर तब जबाब...
आकिंचन्य (१) आकिंचन्य मतलब नफरत नहीं रखना किसी से भी मतलब नहीं रखना (२) आकिंचन्य मतलब पीठ के पीछे अपनी नाक से...
त्याग (१) त्याग मतलब जीवन यदि हम छोड़ेंगे नही न तब लेंगे कैसे श्वास भाई समझने का कीजिये तो प्रयास (२) बड़ा...
संयम (१) हमारा हाथ, भांत हाथी बस नाम का है सिर्फ हाथी की सूँड जैसा है हमारी अंजुली जल से मिली जुली है जब चाहे...
सत्य (१) आई नहीं ‘कि साँझ लो फूल धूल में मिला वैसे यह सफेद झूठ है कड़वा सच तो यह है ‘के फूल फूलते ही कुछ धूल...
लोभ (१) नदी वगैर पैसे लिये ही मीठा पानी पिला चली मैंने फलाई झोली किसी को वगैर कुछ दिये ही (२) बुरऔ आ कर रयै लोभ...
माया (१) स्वयं शब्द ही कह रहा है मॉं…या मैं दोनों में से कोई एक रहेगा अब मर्जी आपकी मॉं जिसमें सारा संसार...
मान (१) खुद-ब-खुद शब्द ही कर रहा है जहॉं मान वहाँ माँ न और बिना माँ के बच्चे की जिन्दगी कटी पतंग सी फटे-मृदंग सी...
उत्तम क्षमा (१) ठण्डे पड़ना अलग ही बात है मैं ठण्डे होने की बात कर रहा हूॅं अग्नि क्या हटी पानी ठण्डा हो चला...
न्यार-दिन-वार (१) किसी मंगल कार्य के मंगलाचरण के लिये आज रविवार से बढ़ करके मंगलमय होगा तो होगा मुझे और कौन सा...
