loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

जवाब लाजवाब आचार्य श्री जी

जवाब लाजवाब -387

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 

सवाल
आचार्य भगवन् !
चेहरे पर चेहरे लगाये रखता
दुनिया ऐसा कहकर उलाहना देती है
वहीं आप प्रशंसा के पुल
बांधते बांधते नहीं रखते चन्द्रमा के
सो सोच क्या रखते हैं आप
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,

जवाब…
लाजवाब
चन्द्रमा ने‌ पहली कला छुपाई नहीं
यह सनातन संस्कृति है
यहाँ गिनती दो से शुरु होती है
पहला तो
अकेला जो
वो आतम राम है
सो, की मनमाने पन की इति है
और भाई संगत भी
माँ बनी रहती उसकी
यहाँ तक ‘कि
नाम मे भी संग-ही
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point