सवाल
आचार्य भगवन् !
जाने, मेरा मन किसका रंग लूट रहा आजकल
खूब आलसी बन चला है,
कैसे समझाऊँ इसे
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
सोने सा समय सोने में मत खो दो
जा तह में रहता सोना, भरसक खोदो
दीमक न कोई बड़ा
देखो पर महल खड़ा
चूमता गगन धन धन
झूमता नयन जन जन
बेवजह
शामो सुबह आलस से न भिंजो दो
साहस मत खो दो,
हैं मिले हाथ दो, दो
जा तह में रहता सोना, भरसक खोदो
सोने सा समय सोने में मत खो दो
देखो गंगोत्री आकर
जा देखो अब गंगा-सागर
मुख यूँ ही न निकले अनायास
बाबा भगीरथ प्रयास
वाह वाह भगीरथ प्रयास
बेवजह
शामो सुबह आलस से न भिंजो दो
साहस मत खो दो, हैं मिले हाथ दो, दो
जा तह में रहता सोना, भरसक खोदो
सोने सा समय सोने में मत खो दो
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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