सवाल
आचार्य भगवन् !
मन दूसरों को दिखाने के लिए,
आईना की का बोझ लिये घूमता फिरता है
कैसे समझाऊँ
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
औरों की गलतिंयाँ मत पकड़ते रहना
कभी अपने कान भी पकड़ना
वैसे मन
जब कभी अपने कान ही पकड़ना
औरों की गलतियाँ पकड़ने से लगना हाथ क्या
गाँठ का
हाँ…हाँ… गाँठ का
अपना समय और चला जाता है
और सुनते हैं
गया समय लौटकर वापिस नहीं आता है
देखो,
भगवान् कुन्द-कुन्द ने तो
स्वर्ण अक्षरों में,
टॉंकी से उकेर दिये
मुमुक्षु लोगों के हृदय-हृदय पर,
ज्यादा नहीं, सिर्फ दो शब्द
जो सब…द-देने वाले हैं
‘के कोई सारभूत है
तो ‘समय’….सार
सो उछल कूँद के लिए कह करके धिक्
आ घड़ी घड़ी करते सामायिक
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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