सवाल
आचार्य भगवन् !
सदलगा की पाठशाला में सिखलाया
कोई
एकाध
आत्म बल बढ़ाने वाला गीत
कृपया सुना दीजिए ना
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
हम छू लेंगे आकाश
न सिर्फ आश
है पूरा विश्वास
हम छू लेंगे आकाश
जल्द-ही… जल्द-ही… जल्द-ही
चार चाँद और तारे
टकेंगे चूनर में हमारे
मन जो बना लिया
अब मंजिल दूर नहीं
कदम जो बढ़ा लिया
अब मंजिल दूर नहीं
भागते वो आ रहें खुशनुमा नजारे
जल्द-ही… जल्द-ही… जल्द-ही
न सिर्फ आश
है पूरा विश्वास
हम छू लेंगे आकाश
जल्द-ही… जल्द-ही… जल्द-ही
बिछा के पलक पावड़े
जश्न राहों में खड़े
मन जो बना लिया
न टिकेगा देर अंधियारा
सुनते हैं अंधियारा,
एक जुगनू से हारा
रात चाँदी अपनी, अपने दिन सुनहरे
जल्द-ही… जल्द-ही… जल्द-ही
न सिर्फ आश
है पूरा विश्वास
हम छू लेंगे आकाश
जल्द-ही… जल्द-ही… जल्द-ही
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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