सवाल
आचार्य भगवन् !
सदलगा की पाठशाला में सिखलाया
एकाध
कोई सरसुति भक्ति-पाठ
कृपया सुना दीजिए ना
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
सरसुति भक्ति-पाठ
तेरी क्या पड़ जाती नजर
नाव-कागद भी जाती-तर
ठेठ-बाँस मैं
आया साथ आश मैं
मुझे भी अपना
मुझे भी लो बना
सुरीली बाँसुरी
माँ-वागीश्वरी
मिल जो जाती तोर मुस्कान-भर
जा पतंग बिन डोर लगती-अम्बर
ठेठ-बाँस मैं
आया साथ आश मैं
मुझे भी अपना
मुझे भी लो बना
सुरीली बाँसुरी
माँ-वागीश्वरी
माँ शारदे
नदारद खिवैय्या
कागद की नैय्या
लगा पार दे
माँ शारदे
मुँह राहु मँझधार
जुग बाहु पतवार
नदारद खिवैय्या
कागद की नैया
लगा पार दे
माँ शारदे
आँधी और तूफान
फट पड़ा आसमान
मुँह-राहु मँझधार
जुग-बाहु पतवार
नदारद खिवैय्या
कागद की नैय्या
लगा पार दे
माँ शारदे
जर्रा अपनी शरण में ले लो मुझे
जगहा अपने चरण में दे दो मुझे
निकला मैं छूने आसमाँ
शारद माँ
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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