सवाल
आचार्य भगवन् !
आपका
मानौ… मानो वाला श्लेष बड़ा प्यारा लगता है
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
मेरा कुछ भी नहीं है,
सब ज्ञान-सागर जी का है
मानो…
तोते ने
जुबान के नाम कर रखना था
सिर्फ बोलने का काम
था तलक तब सुखी
जब से मिला ‘मानौ’
हो चला दुखी
सार्थ नाम मानौ
इसके बारे में जो कहा गया वो सभी मानो
जो कहने से रह गया वो भी मानो
सचमुच
हम दीक्षा के पहले
मा…इक है
भाव भासना कुछ नहीं है
बोल रहा है, अनमोल बड़े-बड़े बोल
सुन करके
बोल चुन करके
खोल के भीतर झाँक
कई लोगों ने राखी नाक
अष्ट प्रवचन माँ पनाह
पा राह
बना सार्थक माँ नव
वाह मानौ वाह
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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