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जवाब लाजवाब आचार्य श्री जी

जवाब लाजवाब -314

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 

सवाल
आचार्य भगवन् !
सुनते हैं सच कड़वे भी होते हैं,
ये कड़वा सच क्या है
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,

जवाब…
लाजवाब
न सिर्फ खण्डहर से ही
दुनिया के अन्दर से भी,
लौटा दिया जाता
जो दिया जाता
सचमुच
आपकी टॉक
लौटती डाक

बहाना बनाना सभी को ‘आता’
किसी को पसीना बहाना

न गूद आती है
पेंसिल जा करके
कागज के अन्दर गहरे कूँद आती है
इंग्लिश खोलती सच्चाई
रबर… ई रेजर !
कुछ न कुछ कम कर आती है
पेज-ए-ऐज-ए-सफर
गलतिंयों को बस कहो भाई

कहता पलट शब्द रा…ज
ज…रा आते आते
हम खुल पाते
और हो जाते दफन
क्यों ?
क्योंकि जरा सिर अपने बांध जो आती
सेहरा-ए-कफन

बड़े होने में क्या बढ़ाई
चींटी ने किया हाथी धराशाई
बड़ा लम्बा नहीं ‘कद’ ऊँचा दूजा

करो भी यकीं
शिव राधा सिवा बे…गम नाम कीं

बातें बनाना
बिल्कुल अलग ही बात है
बात बनाना

अ’जि मन के फेरने का
सामायिक नाम
न ‘कि मनके फिरने का

देकर राजकीय ‘कर’
शुल्क सु…लक बनाई लो
फिर माला जपना
नादान दे करके दान महाराज श्री मन्दर सु…कल शुक्ल बनाई लो
धन काला अपना
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः

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