सवाल
आचार्य भगवन् !
आप सुबह-सुबह,
बड़े बुजुर्गो के चरण स्पर्श,
करने पर, जोर देते हैं क्यूँ
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
बड़ी सस्ती स्वस्ति मिल जाती है
बड़े बुजुर्गों के पैर पड़ते ही
मुसीबत टल जाती है
बड़ी से बड़ी
आ बनते चश्मा,
तो किसी बुजुर्ग की छड़ी
गोट बैठाने में
माहिर होते हैं बुजुर्ग
गुत्थी सुलझाने में
बड़े-काम के रहते बुजुर्गो के नुख्सा
याद रखें जायें तो,
कल होते न रुबरू नुकसा
ठोकरें किसी को…
तो, इन्हीं बुजुर्गों को
ठोक करके सलाम निकलतीं हैं
इनके आसपास रहने से,
ये ठोकरें हमसे भी अदब से बात करतीं हैं
खूब जानते बुजुर्ग दुआएँ लगती
बद्दुआएँ लौटती-डाक से वापिस आ लौटतीं
इसलिये बुजुर्गों के पास जाने में फायदा है
नहीं जाने में घाटा यही है ‘कि
दुआओं से वंचित रह जाते हम
और जगह तो मायनस मार्किंग
पर यहाँ बोनस ऊपर बोनस यानि ‘कि
पड़ते का सौदा है चलो चलें
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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