सवाल
आचार्य भगवन् !
दुपट्टे का छोटा छेद मोटा होने के बाद भी,
आप नये दुपट्टे के लिये,
हाँ नहीं भरते थे
क्यों आचार्य भगवन् !
फटे कपड़े पहनना तो,
अशुभ माने जाते हैं,
फिर आप ऐसा क्यों करते थे
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
जब पुराने से
ठीक-ठाक काम चल रहा हो
तब नये के लिये हाथ फैलाना
तो हा ! भरने की बात है
बड़ा बेशकीमती
चन्द्र और ऊपर रक्खी बिन्दु रूप सितारा
हाँ कैसे भर दूँ
सुविधाएँ तो छोर के आया हूँ
फिरके उन्हें जुटाने के लिये,
सौ सौ विधाएँ अपनाना तो
हा ! भरने की बात है
बेशक बड़ा-कीमती
चन्द्र और ऊपर रक्खी बिन्दु रूप सितारा
हाँ कैसे भर दूँ
प्रतिकूलता में तो,
कुछ बखत बनी रहती है उसकी
अनुकूलता बना अमूल वक्त गवाना
तो हा ! भरने की बात है
न सिर्फ वेष-कीमती
बेशक बड़ा-कीमती
बड़ा बेशकीमती
चन्द्र और ऊपर रक्खी बिन्दु रूप सितारा
हाँ कैसे भर दूँ
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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