loader image
Close
  • Home
  • About
  • Contact
  • Home
  • About
  • Contact
Facebook Instagram

तीर्थंकर चालीसा

लघु-चालीसा -; वासु पूज्य स्वामी

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 

वासु पूज्य
लघु चालीसा
=दोहा=
आ सुमरण से जुड़ चलें,
भले घड़ी एकाध ।
सुना, डूबते के लिये,
काफी तिनका साथ ।।

दिल दया से भींजा ।
नैन रखते तीजा ।।
भक्त की सुनते तुम ।
भक्त को चुनते तुम ।।१।।

विनत सीता रानी ।
आग पानी पानी ।।
कहा अर्हम्-अर्हम् ।
जटायु-पंख सोनम ।।२।।

दिल दया से भींजा ।
नैन रखते तीजा ।।
भक्त की सुनते तुम ।
भक्त को चुनते तुम ।।३।।

शूलिका विकराली ।
सिंहासन बन चाली ।।
फूल मुख अपने रख ।
स्वर्ग जन्मा मेंढक ।।४।।

दिल दया से भींजा ।
नैन रखते तीजा ।।
भक्त की सुनते तुम ।
भक्त को चुनते तुम ।।५।।

खुल पड़ा दरवाज़ा ।
शील जय नभ गाजा ।।
घड़े अहि जुग काला ।
निकाला गुलमाला ।।६।।

दिल दया से भींजा ।
नैन रखते तीजा ।।
भक्त की सुनते तुम ।
भक्त को चुनते तुम ।।७।।

भक्ति अनबुझ ज्योती ।
ज्वार जग-मग मोती ।।
ग्वाल वाला एका ।
सूरिवर अभिलेखा ।।८।।

दिल दया से भींजा ।
नैन रखते तीजा ।।
भक्त की सुनते तुम ।
भक्त को चुनते तुम ।।९।।

हाय ! मैं भी दुखिया ।
बनी आँखें दरिया ।।
निरा’कुल कर लो ना ।
रूप रुपया खोना ।।१०।।
=दोहा=
अपने चरणों से मुझे,
कभी न करना दूर ।
तुम पानी, मैं मीन हूँ,
मैं सरोज, तुम सूर ।।

Sharing is caring!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Print

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

*


© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point

© Copyright 2021 . Design & Deployment by : Coder Point