भक्ता-मर-स्तोत्र ९३
पुरु,शिव स्यंदन ।।१।।
अपहर क्रंदन ।।२५।।
माँ मरु नन्दन ।।२।।
अन-गिन वन्दन ।।२६।।
सहज गम्य उर ।।३।।
सन्ध न अन्धर ।।२७।।
अगम्य गुरु-सुर ।।४।।
अशोक-तरु तर ।।२८।।
शिशु बोल रमन ।।५।।
स्वर्ण सिंहासन ।।२९।।
थुति तोर लगन ।।६।।
चॅंवर अमर-जन ।।३०।।
जाप पाप हर ।।७।।
छतरी झूमर ।।३१।।
तुम दया इतर ।।८।।
तूर भूर स्वर ।।३२।।
कथा व्यथा हन ।।९।।
झिर सुमन पवन ।।३३।।
बढ़ पारस मण ।।१०।।
भा-मण्डल धन ।।३४।।
छवि नयनन हर ।।११।।
वयन अनक्षर ।।३५।।
सत् शिव सुन्दर ।।१२।।
पंकज पद-तर ।।३६।।
मुख नयन हरण ।।१३।।
न अर समशरण ।।३७।।
गुण पार भुवन ।।१४।।
वश-भूत करिन् ।।३८।।
जित दृग् अप्सर ।।१५।।
भय सिंह अपहर ।।३९।।
दीपक अक्षर ।।१६।।
भय दव संहर ।।४०।।
रवि विगत तपन ।।१७।।
भय भुजंग हन ।।४१।।
अर शशि त्रिभुवन ।।१८।।
संहर भय-रण ।।४२।।
अर रवि चन्दर ।।१९।।
वन्द्य पुरन्दर ।।४३।।
ज्ञान समुन्दर ।।२०।।
तीर बबन्डर ।।४४।।
अर-अवलोकन ।।२१।।
निरसक रोगन ।।४५।।
मात सिरोमन ।।२२।।
बन्धन मोचन ।।४६।।
जय अजरामर ।२३।।
क्षय भय-आकर ।।४७।।
हरि ब्रह्मा हर ।।२४।।
जय भक्तामर ।।२८।।
भक्ता-मर-स्तोत्र ९४
तीर करण ।।१।।
पीर हरण ।।२५।।
आदि देव ।।२।।
नुत सदैव ।।२६।।
आशु-तोष ।।३।।
शून दोष ।।२७।।
अगम, ढ़ोक ।।४।।
‘तर’ अशोक ।।२८।।
भक्ति दीठ ।।५।।
शक्ति-पीठ ।।२९।।
लगन तोर ।।६।।
रमन चौंर ।।३०।।
विहर पाप ।।७।।
छतर आप ।।३१।।
ख्यात दर ।।८।।
गाथ तूर ।।३२।।
कष्ट हार ।।९।।
पुष्प-धार ।।३३।।
खुद समान ।।१०।।
प्रभा-वान ।।३४।।
दृश्य नैन ।।११।।
दिव्य वैन ।।३५।।
अमल वर्ण ।।१२।।
कमल स्वर्ण ।।३६।।
मुख अभूत ।।१३।।
अर विभूत ।।३७।।
शगुन केन्द्र ।।१४।।
नत गजेन्द्र ।।३८।।
शील-मेर ।।१५।।
कील-शेर ।।३९।।
लौं अनन्त ।।१६।।
दाव अन्त ।।४०।।
सूर्य न्यार ।।१७।।
सर्प हार ।।४१।।
शशि पुनीत ।।१८।।
अरि विनीत ।।४२।।
मिहिर सोम ।।१९।।
समर ओम ।।४३।।
दिव्य ज्योत ।।२०।।
पार पोत ।।४४।।
पर संँयोग ।।२१।।
विहर रोग ।।४५।।
मात सूर ।।२२।।
पाश चूर ।।४६।।
दरद-मन्द ।।२३।।
भय निकन्द ।।४७।।
ध्वज अनंग ।।२४।।
मान तुंग ।।४८।।
भक्ता-मर-स्तोत्र ९५
पुरु परथम ।।१।।
पुरुषोत्तम ।।२५।।
मरु नन्दन ।।२।।
अरु वन्दन ।।२६।।
विरद सहित ।।३।।
बद विरहित ।।२७।।
सुर-गुरु नुत ।।४।।
‘तर’ अद्भुत ।।२८।।
पीठ पवन ।।५।।
पीठ रतन ।।२९।।
राखत पत ।।६।।
चँवर रजत ।।३०।।
दुरित विहर ।।७।।
स्फुरित छतर ।।३१।।
भूर महर ।।८।।
तूर गहर ।।३२।।
दृष्टि शगुन ।।९।।
वृष्टि सुमन ।।३३।।
हृदय सदय ।।१०।।
प्रभा वलय ।।३४।।
सजल नयन ।।११।।
सहज वयन ।।३५।।
गात अमल ।।१२।।
पाँत कमल ।।३६।।
मुख अनुपम ।।१३।।
सुख निरुपम ।।३७।।
त्रिभुवन जश ।।१४।।
भय गज वश ।।३८।।
जित चितवन ।।१५।।
भय सिंह हन ।।३९।।
ज्योत अचल ।।१६।।
नीर अनल ।।४०।।
अर दिन कर ।।१७।।
फणि विष-हर ।।४१।।
शशि आनन ।।१८।।
वशि हा ! रण ।।४२।।
चन्द अरक ।।१९।।
द्वन्द्व दरक ।।४३।।
नागर भट ।।२०।।
सागर तट ।।४४।।
और मिलन ।।२१।।
रोग-हरण ।।४५।।
इतर कुटुम ।।२२।।
बन्धन गुम ।।४६।।
मृत्युंजय ।।२३।।
निरसक भय ।।४७।।
हरि-हर अर ।।२४।।
भक्त अमर ।।४८।।
भक्ता-मर-स्तोत्र ९६
आदि गंग ।।१।।
मान तुंग ।।४८।।
जय जिनन्द ।।२।।
भय निकन्द ।।४७।।
तोर आश ।।३।।
तोड़ पाश ।।४६।।
गुण अपार ।।४।।
अगद-कार ।।४५।।
भक्ति जोर ।।५।।
सिन्धु छोर ।।४४।।
तोर प्रीत ।।६।।
होड़ जीत ।।४३।।
भज तुरन्त ।।७।।
युद्ध अन्त ।।४२।।
दय तिहार ।।८।।
नाग हार ।।४१।।
लगन आप ।।९।।
अगन आप् ।।४०।।
जगत् मीत ।।१०।।
सिंह विनीत ।।३९।।
चारु एक ।।११।।
गजभि-षेक ।।३८।।
बुत अभूत ।।१२।।
युत विभूत ।।३७।।
मुख प्रसाद ।।१३।।
कमल पाथ ।।३६।।
गुण अनन्त ।।१४।।
धुन बसन्त ।।३५।।
विजित चित्त ।।१५।।
प्रभा वृत्त ।।३४।।
दीप न्यार ।।१६।।
गुल फुहार ।।३३।।
दिव्य सूर्य ।।१७।।
दिव्य तूर्य ।।३२।।
इतर सोम ।।१८।।
छतर व्योम ।।३१।।
चन्द्र और ।।१९।।
इन्द्र चौंर ।।३०।।
दिव्य दीठ ।।२०।।
दिव्य पीठ ।।२९।।
मोड़ मोख ।।२१।।
तर अशोक ।।२८।।
मात शूर ।।२२।।
छिद्र दूर ।।२७।।
जेय काल ।।२३।।
इक दयाल ।।२६।।
ब्रह्म, राम ।।२४।।
पुरु प्रणाम ।।२६।।
भक्ता-मर-स्तोत्र ९७
राखत पत ।।१।।
थव-तव रत ।।६।।
गाता जश ।।२।।
गत-कल्मष ।।७।।
धी-बालक ।।३।।
धूल-कनक ।।८।।
नाप गगन ।।४।।
पाप हरण ।।९।।
मां माफिक ।।५।।
या ! मालिक ।।१०।।
दृश्य इतर ।।११।।
दीप अवर ।।१६।।
बुत अद्भुत ।।१२।।
रवि विश्रुत ।।१७।।
इक मनहर ।।१३।।
मुख चन्दर ।।१८।।
शगुन प्रमुख ।।१४।।
रवि-शशि मुख ।।१९।।
ध्वंस-सुरत ।।१५।।
हंस-जगत ।।२०।।
दूज मिलन ।।२१।।
पूज-भुवन ।।२६।।
मात-अपर ।।२२।।
सद्-गुण घर ।।२७।।
मोख डगर ।।२३।।
अशोक तर ।।२८।।
सिंह माहन ।।२४।।
सिंह-आसन ।।२९।।
अज, हरि-हर ।।२५।।
चँवर-अमर ।।३०।।
छतर नवल ।।३१।।
नवल कमल ।।३६।।
तूर रमण ।।३२।।
समवशरण ।।३७।।
वृष्टि सुमन ।।३३।।
गजस्-तम्भन ।।३८।।
प्रभा वलय ।।३४।।
भय सिंह क्षय ।।३९।।
छाँव-वयन ।।३५।।
दाव शमन ।।४०।।
वशि विषधर ।।४१।।
रोग विहर ।।४५।।
कुमकुम रण ।।४२।।
गुम बन्धन ।।४६।।
हाथ विजय ।।४३।।
विघात भय ।।४७।।
जहाज तट ।।४४।।
अ-सि-सा रट ।।४८।।
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