सवाल
आचार्य भगवन् !
वर्तमान शासन नायक
वर्धमान भगवान् का अनूठा पुण्य है
इसे कैसे प्राप्त कर सकते हैं
समाधान
कविता में हो तो और अच्छा
नमोऽस्तु भगवन्
नमोऽस्तु भगवन्
नमोऽस्तु भगवन्
जवाब…
लाजवाब
सुनिये,
दर्शन, ज्ञान, चारित्र आदि गुण
बढ़े जा रहे थे
इसलिये आप वर्धमान थे
न ‘कि आपके भक्तों में देवता-गण
बढ़े जा रहे थे
यानि ‘कि आप
न मात्र नाम वर्धमान थे
बल्कि सार्थ नाम वर्धमान थे
बुद्धि-विशुद्धि
बढ़ी जा रही थी
इसलिये आप वर्धमान थे
न ‘कि ऋद्धि-सिद्धि
बढ़ी जा रही थी
यानि ‘कि आप
न मात्र नाम वर्धमान थे
बल्कि सार्थ नाम वर्धमान थे
एकत्व-विभक्त्व की रति
बढ़ी जा रही थी
न ‘कि एक तरफा कीर्ति
बढ़ी जा रही थी
यानि ‘कि आप
न मात्र नाम वर्धमान थे
बल्कि सार्थ नाम वर्धमान थे
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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