सवाल
आचार्य भगवन् !
जाने मेरी दादी माँ ने
ऐसा कैसा नाम रक्खा है
‘र’ से राहु,
‘क’ से केतु,
‘श’ से शनि,
तीनों के तीनों ग्रह
मेरे पीछे लगे ही रहते हैं
जब देखो तब
कोई न कोई परेशानी हाथ धोके
पीछे पड़ी रहती है
मेरा कोई दूसरा नामकरण
कर दीजिये ना भगवन्
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
सुनिये,
आप कह रहे है
पीछे लगे रहते हैं,
मैं भी आपसे कर रहा हूँ
कुछ शब्द और,
हमारे नाम के पीछे लगे ही रहते हैं
उन्हें भी पढ़ लिया कीजियेगा
माँ, पापा, गुरुजी को समझ पाना
इतना आसान नहीं होता है
दूर दृष्टि रखने वाले होते हैं ये सभी,
यदि किसी माँ ने
अपने बच्चे का नाम
शैतान रक्खा होगा,
तो ध्यान रखना,
वो माँ सिंह जाति की होगी,
सो पूरा नाम होगा शैतान सिंह
यानि ‘कि
मेरा बच्चा शैतान के लिए
सिंह जैसा है,
जो एक अकेला
जंगल का राजा होता है
अच्छे से देखिये जरा,
देखिये देखिये,
अच्छे से देखिये
राकेश जैन होगा
आपका पूरा नाम,
है ना,
तो अपनी माँ के आप
ऐसे बच्चे हो,
जिसने राहु, केतु, और शनि ग्रह पर
विजय श्री पा ली है
अब ये मत कहने लगा
‘कि महाराज साब
पीछे न भी लगा,
तो सुनो,
जैसे बहुवचन में
कमलों पर भगवान् विहार करते हैं
यह बतलाने के लिये
कमलन पर भगवान् विहार करते हैं
ऐसा भी लिख बोल सकते हैं
है ना,
ठीक वैसे ही,
आपने एक पर नहीं,
तीनों के तीनों अरिष्ट ग्रहों पर
विजय प्राप्त की है
सो जयन / जैन
सहज सिद्ध हो चालता है,
यही तो अनेकान्त है
चित्त भी अपनी, और पट्ट भी अपनी
सच,
अद्भुत होते हैं बुजुर्ग,
बच्चों को बुजदिल बनने ही नहीं देते हैं
खुद के पहले अपनों को नाव खेते हैं
सच, बुजुर्ग अद्भुत होते हैं
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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