सवाल
आचार्य भगवन् !
यह शैतान क्या बला है
जब तब बड़े बुजुर्ग कहते मिलते हैं
शैतान सिर पर सवार है
पर यह देखने में तो आता ही नहीं है
कैसा है इसका हुलिया
क्या इसके सींग पूँछ भी हैं
कैसे बचा जाये इससे
कुछ तो मदद कीजिये भगवन्
हमें आपका ही सहारा है
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
देखिये,
शैतान का हुलिया
शब्द शैतान
खुद अपने अन्दर ही छुपाये हुये है
सुनो
यदि हम बीच में
ता… न कहें तो
‘ता’ अक्षर हटके बनता है शब्द शैन
जै जय
वैसे ही शै शय
और पीछे ‘न’ जो है
सो उसे जोड़कर
सार्थक शब्द बना शयन
हाँ हाँ…
शयन करता रहता है वह शैतान
मुझे तो खूब याद है
आपकी आप जानें
मैं जब घुटनों के बल चलता था
तब जिस किसी चीज की ओट लेकरके
माँ श्री मन्ती जी कहतीं थीं
ता…
और फिर छुप जातीं थीं
मेरी नजरें खोजतीं रहतीं थीं पल-पलक
‘कि तभी फिर से आवाज आती थी ता…
सुनो
मैंने भी सीख लिया था
ता… कहना,
मैं भी माँ श्री मन्ती जी
के लिये खम्भे के पीछे छुप करके
ता… कहता था
बस यहीं ता…
चला करके जो भी
पापों के साथ कहता है
शयन करता हुआ शब्द बीच में
‘ता’ को स्थान देकर
शैतान बन जाता है
अब समझदारी हमारी
पापों से ता… कह करके
रखनी है बरकरार
रिश्तेदारी
या नहीं
रखनी है बरकरार
रिश्तेदारी
पापों से ना… कह करके
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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