सवाल
आचार्य भगवन् !
किसी को कहाँ तक रोका टोका जाये
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
बुरी जिद का,
सुबह सुबह न करते जो मुहँ काला
मिल ही जाता
साँझ तलक
कोई न कोई टोकने वाला
मत टोकियेगा
बड़ा शातिर दिमाग जमा…ना
रोकने-टोकने की मत जहमत उठाना
‘गलती’ ही जाती है
पहली दफा
अगली दफा
गलती की जाती है
अब उसे कई रास्ते पता हैं
कहीं न कहीं से
वैसे बनता जैसे
बच निकल जायेगा
बाद पल-पलक
पलक उठाना
आता ठोकरों भी खूब
हाँ… हाँ… बखूब
सबक सिखाना
खुदबखुद सॅंभल जायेगा
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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