सवाल
आचार्य भगवन् !
लोग-बाग हाथ धो करके पीछे पड़े रहते हैं
तंग करने मुझे,
क्या करूॅं
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
पड़े चाँद के पीछे,
कम ना-जन
उड़ा ले आती कहीं से,
बादलों को वायु
तो
निवाला बनाने,
मुँह बाये ही रहता राहु
छोड़
पखवाड़ा
दौड़
बल खाती
आ जाती
आ जाती अमावस
अमॉं… बस
अरे ! ऐसे कैसे अमाँ…बस
लोगों ने तो नाम ही दे दिया, मृग लाञ्छन
पड़े चाँद के पीछे
कम ना-जन
सो,
ये सब जो, लगे पीछे हैं
इसका मतलब मामा चाँद आगे हैं.
ओ ! कोई हाथ धो के हमारे पीछे पड़े
तो, मत मानना ‘कि हम अभागे हैं
हाँ.. यही वो इक वजह है
‘कि हम आगे हैं
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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