सवाल
आचार्य भगवन् !
पुण्य पाप को सरल भाषा में
कैसे समझ सकते हैं
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
बन्दर की उछल कूॅंद सारी
मदारी की जेब भारी
जमा…ना
मानते मॉंझी की खूबी
और तारने वाली पनडुबी
जमा…ना
पुण्य-फल बागवान
और डाकिया विरवान
जमा…ना
तेली की कमाई अंधी
पिरता कोल्हू में तिल की जगह नन्दी
जमा…ना
पिंजरे आ जा नजूमी करे तोता
और नाम नजूम का होता
जमा…ना
मेहनत मेघों की
और मेहनताना इन्द्रों का
जमा…ना
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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