सवाल
आचार्य भगवन् !
समशरण सभा बारा क्यों हैं
गंधोदक वर्षण
मन्द-मन्द पवन
वर्षा स्वर्ग सुमन
समशरण में किस कारण से होतीं हैं
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
चूँकि सभासद
न एक पे एक ग्यारा
सो समशरण सभा बारा
बारे न्यारे न होने मैं
वजह एक तू-तू, मैं-मै
थारी मारी
म्हारा-धारा
सो समशरण सभा बारा
सिंह-हिरण
गरुण-धरण
समशरण
गंधोदक वर्षण
तिल के बहाने
आई चेहरे लगी कालिख बहाने
मन्द-मन्द पवन
बदले का भाव, वही बादल
उसे उड़ा कर तलक काल-मुख पहुँचाने
वर्षा स्वर्ग सुमन
ली अनादि से हींग की गंध
सुगंध केशर से परिचय कराने
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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