सवाल
आचार्य भगवन् !
छोटी छोटी आँखों से हम सभी भक्त
आपको टकटकी लगा देखते रहते हैं
लेकिन इन बड़ी-बड़ी महापुरुषों के लाञ्छन वाली आँखों से आप, हम जैसे छोटे लोगों को नहीं देख पाते हैं,
और खासकर पड़गाहन के समय तो नजर ही नहीं उठाते हैं,
क्या कारण है स्वामिन्
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
भई !
है तो बात छोटी सी
पर चोटी के विद्वान के भी गले उतरती नहीं
चूँकि हमें पड़गाहन के समय
चार हाथ जमीन देख कर
चलने की दी गई हिदायत है
और आप लोगों को,
अपने आजू-बाजू ‘पर’ लगाने की आदत है
और पर लगते ही चूजा
माँ के मुख में ‘दबा’ दाना ठुकरा
दबदबा जमाने
जाने हो जाता कहाँ छू…जा
आ उतर तू…आ
मैं पढ़ता दुआ
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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