सवाल
आचार्य भगवन् !
सम्यक् दर्शन क्या है यह किसे होता है
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
सम्यक् दर्शन
समय ‘क’ दर्शन
समय यानि ‘कि आत्मा का दर्शन
वह उसे ही होता
जो फिजूल समय न खोता
सम्यक् दर्शन
स… समता, साधना
म…मम हा ! ममकार आत्म विराधना
य…यम ध्याँ…
यम हाथ धोके पीछे पड़ा
क…केमरा
यह रखना ध्यान
केमरा कर्मों का जगह-जगह लगा
सम्यक् दर्शन
स…सम्मान
गुणवान
म… माध्यस्थता
उनसे, पहचान जिनकी अस्त व्यस्तता
य…याराना
सभी से, हो रंक या राणा
क…किरपा
उन पे जिन पे करम रहा कहर बरपा
सम्यक् दर्शन
स…समय
आत्म-विजय
द्रव्यानुयोग
म…महत्
आत्म-चरित
प्रथमानुयोग
य…यतन
आत्म-रमण
चरणानुयोग
क…करण
आत्म परिणमन
करणानुयोग
सम्यक् दर्शन
स…सूम पना
कंजूसी लोभ लालच जय
म…य यानि ‘कि
म…यमक
मान-मायाचार विलय
क…क्रोध विजय
सम्यक् दर्शन
सम…यक दर्शन
सम-समता
यक-इक
मतलब
एक मत सब
एक समता का दर्शन
बग़ैर प्रदर्शन
झोपड़ी
‘हवा ली’
हवेली
एक
खिचड़ी
‘दबा ली’
रेवड़ी
सम्यक् दर्शन
स…सत्य बोलना
म-य
म-यमक
म…मूर्च्छा तोड़ना
म…माहन धर्म दुशाल ओड़ना
क…काला धन तत्काल छोड़ना
सो
सम्यक् दर्शन
समय का दर्शन
यानि ‘कि आत्म रमण
मतलब सीधा साधा
पाँच पापों से मुँह मोड़ना
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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