सवाल
आचार्य भगवन् !
शिव-भूति पार,
923 गिंराई की पर्याय में रहने वाले,
जीवों का हो चला उद्धार,
हा ! हहा ! हम कब जीतेंगे कर्मों से
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
याद क्या
वाकया
विक्रम-बेताल का
शर्त-मुँह न खोलने की
आदत मुँह तोड़ बोलने की
निकला हस्र क्या
बेताल हवा
इसी तरह ही
हम बन-मानव
मानो या न मानो साब
खेल वह खेल रहे
जिसमें
हारने वाले के हाथ लगना खिताब
और आदत हमें फतह की
देखिए ना
सब…द शब्द खुदबखुद कह रहा पलटकर
हा…र
र…हा मही
सिर्फ वही
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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