सवाल
आचार्य भगवन् !
सबसे नाजुक क्या है
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
बड़े सहेजकर रखने पड़ते हैं
रिश्ते
हूबहू रेत के घरोंदों की तरह
छोटी-छोटी बातों पर नजर खाते हैं
जोड़, जो बेजोड़ लाना
लगाकर के थोड़ी सी, न मुफ्त बहाना
‘Gum’ पर्याप्त लगाना
रिश्तों के बीज डालकर न भूल जाना
अगर फल-फूल पाना
पौधे लगा आसमाँ तक भिजाने में
भिंजाना पड़ता माथा
कुछ-कुछ बहुत कुछ ऐसा ही
आखर ढ़ाई नाता
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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