सवाल
आचार्य भगवन् !
सुनते हैं,
जब आप नव दीक्षित थे
तब प्रतिक्रमण के समय,
आपकी घनी, काली-काली दाड़ी,
सीली-सीली हो जाती थीं,
आँखें भर आती थीं
क्यों, आचार्य श्री जी ऐसा क्या था
‘कि प्रतिक्रमण आपके नैन नम कर देता था ?
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
प्रति…कम…न
यदि कम समझकर
पैरों तले दबाया हो
रौब जमाया हो
करके अतिक्रमण
चूँकि प्रति…का…मन
और उसका मन दुखाया हो
‘के उसका गला भर आया हो
और हमारे न भर सके नैन
तो फिर हम काहे के जैन
‘रे सुनते
किसी किसी ने
चोला
जैसा ओढ़ा
वैसा खोला
आ चुनते
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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