सवाल
आचार्य भगवन् !
ज्यादा हाथ-पैर मत मारो
ऐसा क्यूँ कहते हैं आप
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
‘रे फिर क्यूँ फिजूल अपना दिमाग खरचता है
जब उसके ज्ञान में सब झलकता है
काम काज पुण्य कराता
डूब यदि हाथ-पैर खूब मार लिये हों,
तो आओ पल पलक साथ शान्ति बैठते भ्राता
चेहरे प्रसन चिन्ह सर्वगता
न लगायें प्रशन चिन्ह
करके संकल्प विकल्प
आ…विकल्प न करने का संकल्प लें
और धारा की दिशा में बह करके सहजता रख लें
हाईकू
मरहम व जखम, कृत पूर्व मेरे करम
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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