सवाल
आचार्य भगवन् !
कोई तारीफ के दो बोल सुना दे,
झूठे ही सही,
कोई साथ-साथ जीने मरने के कर ले वादे
कितना अच्छा लगता है
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
सुनो,
जब इतना ही अच्छा लगता है,
तब चालो पहल करें,
भले अपनी नहीं,
न सही,
दूर किसी दूसरे के माथे की शल करें
नेकी प्रत्येक ब्लेंक-चेक
नहीं भुनाना तो आपकी अपनी मर्जी
वैसे है बात सौ फीसदी सच्ची
रत्ती भर भी न फर्जी
सारी दुनिया एक सुर से चाहती हल
पर हा ! हाय !
डरती करने से पहल
कहती जो प… हल
माना हमें खुश देखकर के
कोई दुख से भर सकता है
क्यों न हम खुशिंयाँ औरों की झोली में डाल दें
अरे दूसरों की सुखी में खुश रहना सीख लें,
अब…
कम से कम दो लोग तो खुश हो चलेंगे
एक हम
और दूसरा सामने वाला
हमारा अपना हमदम
आ करते पहल
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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