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जवाब लाजवाब आचार्य श्री जी

जवाब लाजवाब -237

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 

सवाल
आचार्य भगवन् !
लोग न…शा के अक्षर पलट शा…न समझते हैं,
क्यों नहीं
‘श’ का ‘आ’, न में लगा
नाश समझकर बचते हैं ?
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,

जवाब…
लाजवाब
अभी उमर सोलह वर्ष की बाली
‘कि हुआ नहीं पलक पल और
बोतल बिस्की खाली
यानि ‘कि चुटकी में सफाया
वाह भाया वाह, तलक कल
आजकल तो वाह बहिना वाह बोलिए

पहली बार
कहते ‘कि मित्र दोस्त यार
पीले पीले ओ ! मोरे जानी
जानी उतर
रात से तलक प्रात सफर
पर याद रखना सर पर
लत रह जानी चढ़कर

करती ‘क्रेश’ प्लेन
या दारू मसाला
ना ‘कि फ्रेश
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः

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