सवाल
आचार्य भगवन् !
रथ तो बड़ा रहता है
नेक व्यक्तियों के लिए आश्रम दे सकता है
लेकिन जमा…ना,
स्वारथ साधता है,
सो माँ…गो के अलावा भी कोई ऐसा है
जो पर दुख कातर हो
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
सुनिये तो,
क्यों नाहक हम नाक बोझिल रखते हैं
सुनते हैं,
कई लोग बहुत बड़ा दिल रखते हैं
अन…जड़
वैशाखी बनकर
जा…
जमीन में गहरे
सिर्फ
इसीलिये
धस कर रहे आना
‘के एक नन्हा सा पौधा
छू सके आसमान
सच… यू हीं थोड़े ही न कहने लगा जहान
गुरु पहले…
बाद भगवान्
नेक-दिल
हाँ…हाँ…अनेक-दिल
दिल अपना अपना आईना
और कहता आईना
मैं Eye ना
कींच पालूॅं खराबी जो
‘के छिपा लूँ करीबी को
आता साफ-साफ बोलना मुझे
बता दूॅं पहले ही तुझे
रुचे अपना
अपना रास्ता ले वरना
सो,
यहाँ वहाँ न ताँको
गिरेवान अपना अपना झाँको
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
Sharing is caring!