सवाल
आचार्य भगवन् !
सुनते हैं महापुरुषों का कूर्मोन्नत पाँव होता है
आचार्य श्री शान्तिसागर जी
आचार्य श्री ज्ञान सागर जी
का भी था,
भगवन् ! कैसे मिलता है यह,
और आपके पाँव के नीचे से जीवों को निकलते मुनिराजों ने साक्षात् देखा है
यानि ‘कि आपका पांव भी कच्छप पृष्ठ जैसा
कुछ कुछ उठा सा है
धन्य है भगवन्, आपका पुण्य
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
था गुरुदेव का पूरा
कूर्मोन्नत
‘पाँव’
सिर्फ मेरा
हम सभी माँगते जो रहते,
चरणों में जगह
बस यही वजह
दिल-सी मुट्ठी भरी
गुरुदेव की इस
पाँव छाँव में
क्या गाँव के गाँव
सहज-निराकुलता के साथ
समा जाते
लोक के लोक
गुरुदेव ढ़ोक
सो कछु…आ भीतर
ओ ! क…छुआ भीतर
लो कछुआ ‘भी’तर
तुम भीतर आओ
तुम भी तर आओ
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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