सवाल
आचार्य भगवन् !
सुनते हैं,
ताज में चाँद, सितारे टके होते है
बड़े फबते हैं, देखने वाले के लिये
सो भगवन् ये बताईये ?
क्या ताज पहनने वाला भी,
गौरव महसूस करता है
क्यों,
क्योंकि आपके सिर पर भी अनेकान्त ताज है ?
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
सुनिये,
अखर तो पलटिये शब्द ता…ज
कहता ‘के
ज…ता देता हूँ पहले ही
चाँदसी तार
न ‘कि चाँद, सितार
छोटे-छोटे टुकड़े तार के
बाहर चमकीले
अन्दर नुकीले
फॉंस जब एक शाले
तब इसमें तो नेक काँटे
सितार देता होगा सरगम
तार तो सिर्फ सर…गम देते हैं
आगम कहते हैं
राजेश्वरी…
सो नरकेश्वरी
कोई मिल जाये ढ़ोने वाला आज
तो दूँ उतार ताज
महा…राज
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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