सवाल
आचार्य भगवन् !
सुनते हैं,
राजा रात में सोता नहीं है
राजधानी में गस्त देता है
तो भगवन् !
क्या मोक्ष मार्ग
में भी यही स्थिति बनती है
सिंहासन पर बैठना
आसान है या कठिन कुछ तो बताईये
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
सुनिये,
कह रहा शब्द ही स्वयम्
सिंहासन
See…हाँस न
यानि ‘कि देखो
हँसी खेल नहीं ‘सिंहासन की सवारी’
कर सकता सिर्फ शेर-सवा’री
सुनते हैं,
सिंहासन के शेर दिन भर ढ़ोते हैं
और रात होते ही उड़ते तोते हैं
उनके,
जो दिन भर इसपे सवार होते हैं
क्योंकि रात्रि भर
ये शेर सारे मिल के मूँग दलते हैं,
उसकी छाती पर
आँख आती भर
तभी
ऐसी वैसी नहीं प्रशस्त देता
रात-रात राजा राजधानी में
पैदल-पैदल…
भेष बदल…गस्त देता
नकली रतन वहाँ ऐसी हालत
जहाँ न सिर्फ असली रतन
बल्कि महाराजन्
वहाँ हो फजीहत
न सिर्फ फर्जी बाड़ा
सच हकीकत
क्षण क्षण
चाहूँ मैं तो
भगवत् सु…मरण
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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