सवाल
आचार्य भगवन् !
‘इसकी टोपी उसके सिर,
उसको टोपी इसके सिर’
ये क्या बला है ?
क्या कभी आपने भी, इसमें रस लिया है ?
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
जवाब…
लाजवाब
टोपी टॉप पर होती है
बौने की पहुँच से
दूर…
सुदूर…
बहुत दूर…
कई बौने आपस में काँधे पर बिठा,
एक दूसरे के काँधे पर बैठ भी,
नहीं छू पाते
उनके हाथों में हॉंप भर होती है
टोपी टॉप पर होती है
और जिनका कद, हद छूता है
उनको बचानी होती है अपनी ‘टोपी’
चूँकि एक आप सर होती है
टोपी टॉप पर होती है
और सीधी साधी न समझना
कैसी तो एक कर अक्षर पलटना
टो…पी
पी…टो
सो बनती कोशिश
कोई भी टोपी इस की उस सिर न करे
तुझसे हे प्रभो !
है ऐसी मेरी गुजारिश
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः
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