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जवाब लाजवाब आचार्य श्री जी

जवाब लाजवाब -308

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 

सवाल
आचार्य भगवन् !
मेरा मन बड़ा चंचल है, क्या करूँ
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,

जवाब…
लाजवाब
सुनो, एक्टिव कहो,
चंचल मत बोलो
जन्मों की प्रखर तपस्या का प्रतिफल है मन
चश्मा उतार कर देखो सुमन

चल चपल न, चंचल ना
मन अपना
अहो भाग से
मिला सौभाग से

पनडुबी है
मन एक खूबी है
साँकल ना
मन अपना
चल-चपल न, चंचल ना,
मन अपना
अहो भाग से
मिला सौभाग से

भोला है
हरफ़नमौला है
माथे सल ना
मन अपना
चल-चपल न, चंचल ना,
मन अपना
अहो भाग से
मिला सौभाग से
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः

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