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जवाब लाजवाब आचार्य श्री जी

जवाब लाजवाब -124

By मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज 

सवाल
आचार्य भगवन् !
आपकी आँखों में जब-तब करुणा ही एक,
स्थाई निवसी रहती है,
भगवन् ! ऐसा क्या है करुणा में,
जिसे आपने हृदय में स्थान दिया है
जिसकी परछाई आँखो में दिखाई देती है
चूँकि हृदय तक रास्ता आँखों से होकर जाता है
ऐसी कवि-कोविदों की धारणा है
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,
नमोऽस्तु भगवन्,

जवाब…
लाजवाब
बड़ा प्यारा शब्द हँ करुणा
अखर पलते ही पीछे की हवा सा
पथिक को मंजिल की ओर धकाता है
कहते हुये ‘कि ना…रुक
कछुये सा ही चल
पर चला चल
चला-चली की बेला
किसी से कह करके न आई
पहनने वाला चला गया
पहनते पहनते सूट-बूट-टाई
इसलिये आ… बूट टाईड करें
मोह का चिह्न कह करके,
न करुणा को साईड करे
धम्मो दया विशुद्धो
जीवाणं रक्खणं धम्मो
अहिंसा परमो धर्मः
मोक्ष और क्या सिवाय करुणा
सच अइ ! हंंसा…
कोई
जहां दोई,
तो अहिंसा
ओम् नमः
सबसे क्षमा
सबको क्षमा
ओम् नमः
ओम् नमः

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